Weight Loss Ke 101 Tips

Price: ₹150.00
(as of Apr 16, 2024 23:08:31 UTC – Details)



मोटापा उठना-बैठना भी मुश्किल कर देता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्‍त‌ि को बीमारियों के अलावा सुस्ती भी घेरती है। वास्तविकता तो यह है कि मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक वसायुक्‍त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। मोटापा एक ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है। जिस प्रकार खाँसी और कब्ज को रोगों का घर कहा जाता है, वैसे ही मोटापे को भी कई बीमारियों का जनक माना जाता है। दरअसल, अधिक मोटे व्यक्‍त‌ि के शरीर में चरबी ही बढ़ती है, अन्य धातुएँ उतनी नहीं बढ़तीं। मोटा व्यक्‍त‌ि भूख शांत करने के लिए नहीं खाता, बल्कि स की इंद्रियों को शांत करने के लिए कई तरह के भोजन करता है। इसे इस प्रकार भी कह सकते हैं कि अतिरिक्‍त भोजन मिलने पर, आराम-तलब होने पर और परिश्रम न करने पर हमारा शरीर अनावश्यक चरबी एकत्र करने लगता है। यही मोटापे का कारण है। प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे उपयोगी तरीके बताए गए हैं, जिन पर अमल करते हुए कोई भी व्यक्‍त‌ि अपने शरीर का वजन घटाकर अतिरिक्‍त‌ मोटापे से निजात पा सकता है। वजन घटाने के व्यावहारिक टिप्स बतानेवाली अत्यंत उपयोगी पुस्तक।.

From the Publisher

Weight Loss Ke 101 Tips (Hindi) by Dr Anil Chaturvedi

Weight Loss Ke 101 Tips (Hindi) by Dr Anil ChaturvediWeight Loss Ke 101 Tips (Hindi) by Dr Anil Chaturvedi

मोटापा न केवल हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि हमारा आकर्षण भी कम करता है।

Weight बढ़ने का विज्ञान बड़ा सीधा-साधा है। यदि आप खाने-पीने के रूप में जितनी Calories ले रहे हैं उतनी burn नहीं करेंगे तो आपका weight बढ़ना तय है। दरअसल बची हुई Calorie ही हमारे शरीर में fat के रूप में इकठ्ठा हो जाती है और हमारा वज़न बढ़ जाता है।वज़न कम करने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको ये जानना चाहिए कि आपका present weight सही है या नहीं।अब यदि आप Overweight या Obese हैं तो ही आपको अपना वज़न कम करने की ज़रुरत है। और यदि आपको इसकी ज़रुरत है तो आपको ये भी जाना चाहिए कि जिस स्थिति में आप पहुंचे हैं उसकी वज़ह क्या है।आज मोटापा एक महामारी की तरह फैल रहा है, लेकिन उसके साथ मोटापा कैसे कम किया जाए, इसको लेकर चिंताएँ भी बढ़ रही हैं।मोटापा न केवल हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि हमारा आकर्षण भी कम करता है।मोटापा उठना-बैठना भी मुश्किल कर देता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्‍त‌ि को बीमारियों के अलावा सुस्ती भी घेरती है। वास्तविकता तो यह है कि मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक वसायुक्‍त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। मोटापा एक ऐसी बीमारी है; जो किसी को भी हो सकती है। जिस प्रकार खाँसी और कब्ज को रोगों का घर कहा जाता है; वैसे ही मोटापे को भी कई बीमारियों का जनक माना जाता है। दरअसल; अधिक मोटे व्यक्‍त‌ि के शरीर में चरबी ही बढ़ती है; अन्य धातुएँ उतनी नहीं बढ़तीं। प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे उपयोगी तरीके बताए गए हैं; जिन पर अमल करते हुए कोई भी व्यक्‍त‌ि अपने शरीर का वजन घटाकर अतिरिक्‍त‌ मोटापे से निजात पा सकता है। वजन घटाने के व्यावहारिक टिप्स बतानेवाली अत्यंत उपयोगी पुस्तक।

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*अन्य लेखकों की प्रसिद्ध कृतियां भी इसमें सम्मिलित हैं।

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Anil ChaturvediAnil Chaturvedi

Anil Chaturvedi

सन् 1974में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली से एम.डी. मेडिसिन की उपाधि प्राप्‍त की, वहीं सीनियर रजिस्ट्रार तथा फिजिशियन के रूप में कार्य किया। सन् 1977 से 1982 तक सेंट स्टीफेंस अस्पताल तथा टाइम्स ऑफ इंडिया प्रकाशन समूह के चिकित्सा परामर्शदाता रहे। सन् 1983 से 1989 तक नारू में विश्‍व-प्रसिद्ध मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. पॉल जिमैट के साथ मधुमेह रोग पर अनुसंधान किया। दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल, दीपक मेमोरियल अस्पताल एवं संजीवन मेडिकल सेंटर में चिकित्सा परामर्शदाता रहे। आपने नैतिकता, डॉक्टर आचार-संहिता, डॉक्टर और कानून जैसे गंभीर विषयों पर राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय गोष्‍ठ‌ियों में परिचर्चा, संवाद एवं लेखन द्वारा अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहण किया है।

विभिन्‍न पत्र-पत्रिकाओं में स्वास्‍थ्य विषयों पर अनेक महत्तवपूर्ण लेख प्रकाशित।

संप्रति : एस्कॉर्ट हृदय संस्‍थान में रोग निवारण एवं पुनर्वास विभाग में चिकित्सा परामर्शदाता एवं ‘नेशनल कमीशन ऑफ माक्रो इकोनॉमिक्स इन हैल्‍थ’ के भूतपूर्व सदस्य।

पुरस्कार: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का ‘डॉ. भिड़े पुरस्कार’ (1994) ‘डॉ. ठक्‍कर सम्मान’ (1996) ‘राष्‍ट्रीय हिंदी सम्मान’ (1996) उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान द्वारा ‘विज्ञान भूषण सम्मान’, (2005) हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा ‘साहित्यिक कृति सम्मान’

ASIN ‏ : ‎ 9350487918
Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan; 1st edition (1 January 2014); Prabhat Prakashan Pvt. Ltd., 4/19, Asaf Ali Raod, New Delhi-110002 (PH: 7827007777) Email: prabhatbooks@gmail.com
Language ‏ : ‎ Hindi
Paperback ‏ : ‎ 240 pages
ISBN-10 ‏ : ‎ 9789350487914
ISBN-13 ‏ : ‎ 978-9350487914
Reading age ‏ : ‎ 18 years and up
Item Weight ‏ : ‎ 298 g
Dimensions ‏ : ‎ 20.3 x 25.4 x 4.7 cm
Country of Origin ‏ : ‎ India
Net Quantity ‏ : ‎ 1 count
Importer ‏ : ‎ Prabhat Prakashan Pvt. Ltd., 4/19, Asaf Ali Raod, New Delhi-110002 (PH: 7827007777) Email: prabhatbooks@gmail.com
Packer ‏ : ‎ Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Generic Name ‏ : ‎ Book

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